Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का त्योहार साल 2025 में 27 अगस्त को मनाया जाएगा। वैसे तो साल में 12 विनायक चतुर्थी मनाई जाती है लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है, इसलिए ये दिन बहुत खास है. इसमें 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाते हैं. इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को नहीं देखने का विधान एक पौराणिक कथा के कारण है, जिसके अनुसार चंद्रमा ने भगवान गणेश को उनके गजमुख और भारी रूप पर देखकर हंसा और उनका उपहास किया। क्रोधित होकर गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो कोई भी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा को देखेगा, उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ेगा (मिथ्या दोष)। इस दोष से बचने के लिए इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते हैं।
गणेश चतुर्थी पर बप्पा की पूजा होती है लेकिन इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना क्यों मना किया जाता है, ऐसा करने पर क्या दोष लगता है और अगर गलती से चांद दिख जाए तो क्या करना चाहिए यहां जानें महत्वपूर्ण बातें.
गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं करते दर्शन चाँद का ?
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करना वर्जित माना गया है. इसके पीछे एक बहुत प्रसिद्ध कथा प्रचलित है. गणेश जी एक बार रात को अपने मूषक पर सवार होकर खेल रहे थे. इस दौरान मूषकराज को अचानक एक सांप दिखा जिसे देखकर वे डर के मारे उछल पड़े जिसकी वजह से उनकी पीठ पर सवार गणेश जी धरती पर गिर गए. ये पूरा वाक्या चंद्र देव ने देखा और वो जोर-जोर से हंसने लगे.
गणेश जी ने क्रोध में आकर उन्हें श्राप दे दिया कि, तुम हमेशा के लिए काले हो जाओगे, तुम्हारी रोशनी चली जाएगी. इसके बाद सभी देवताओं ने गणेश जी को अपना श्राप वापस लेने की विनती की. चंद्र देव श्राप से डर गए थे उन्हें अपनी गलती पर पछतावा हुआ और उन्होंने गणपति जी से क्षमा मांगी. गणेश जी ने चंद्रदेव को क्षमा तो कर दिया लेकिन कहा कि मैं अपना श्राप वापस नहीं ले सकता.
महीने में एक बार ऐसा होगा जब आपकी सारी रोशनी चली जाएगी और फिर धीर-धीरे प्रतिदिन आपका आकार बड़ा होता जाएगा और माह में एक बार आप पूर्ण रूप में दिखाई देंगे. तभी से कृष्ण पक्ष में चंद्रमा की रोशनी क्षीण हो जाती है और फिर अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में पुन: उनका तेज बढ़ने लगता है. पूर्णिमा पर पूरा चांद दिखाई देता है.
गणेश जी ने कहा कि मेरे वरदान के कारण आप दिखाई अवश्य देंगे, लेकिन शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के दिन कोई भी अगर आपके दर्शन करेगा तो उस पर झूठ का कलंक लगेगा. उसकी छवि को नुकसान पहुंचेगा. ये दिन हमेशा चंद्र को दंड दिए जाने को लेकर याद किया जाएगा.
अगर गलती से चांद दिख जाए तो क्या करें
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन हो जाए तो ‘सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत: सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:’ मंत्र का जाप करें. इस मंत्र के जाप करने से कलंक नहीं लगता है.