Prem Sagar Demise: महान निर्देशक रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन; फिल्म जगत में शोक की लहर

Prem Sagar Demise: दिग्गज फिल्म निर्माता रामानंद सागर के पुत्र और प्रतिष्ठित टेलीविजन धारावाहिक ‘रामायण’ की सफलता के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले प्रेम सागर का निधन हो गया है। खबरों के अनुसार, वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और रविवार, 31 अगस्त, 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 84 वर्ष के थे। प्रेम सागर ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए कई यादगार धार्मिक और पारिवारिक शो बनाए, जिनमें ‘रामायण’ से जुड़ी कहानियां भी शामिल थीं. उनके निधन से फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में शोक की लहर है. उन्होंने भारतीय दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी, और अब उनके जाने से एक युग का अंत महसूस हो रहा है.

आइए जानते हैं कैसा था प्रेम सागर का सफर

प्रेम सागर ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से पढ़ाई की थी. यहां उन्होंने कैमरे और फोटोग्राफी का काम सीखा. इन्हीं स्किल्स की मदद से उन्होंने भारतीय मनोरंजन की दुनिया में बड़ा योगदान दिया. उन्होंने अपने पिता रामानंद सागर की कंपनी सागर आर्ट्स के लिए काम किया. रामानंद सागर को ‘रामायण’ सीरियल के लिए याद किया जाता है. प्रेम सागर ने इस और ऐसे कई प्रोजेक्ट्स के लिए कैमरामैन का काम किया. उनका काम इतना शानदार था कि हर सीन यादगार बन गया.

रामानंद सागर के बेटे होने के नाते, प्रेम सागर ने हमेशा कहानियों और फिल्मों के माहौल में ही समय बिताया. उनके पिता ने ‘रामायण’ को घर-घर पहुंचाया, और प्रेम सागर ने कैमरे के पीछे रहकर ये पक्का किया कि हर सीन लोगों के दिलों से जुड़ जाए. सिर्फ कैमरे का काम ही नहीं, प्रेम सागर ने प्रोडक्शन का काम भी संभाला. उनकी जानकारी की वजह से ‘सागर आर्ट्स’ ने अच्छे शो बनाना जारी रखा.

फिल्म जगत में शोक की लहर

उनके जाने की खबर से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में बहुत दुख है. साथी कलाकार, बड़े फिल्ममेकर और फैंस सभी ने उन्हें याद किया है. सभी उन्हें एक शांत और मेहनती इंसान के तौर पर याद कर रहे हैं. प्रेम सागर के निधन से रामानंद सागर के दौर का एक अहम हिस्सा खत्म हो गया है.

भले ही वे हमेशा सुर्खियों में नहीं रहे, लेकिन पर्दे के पीछे उनका काम बहुत खास था. सिनेमा के प्रति उनका लगाव और अपने पिता की सोच का सम्मान हमेशा याद रहेगा. उनके जाने से भारतीय टीवी का इतिहास और आज के दौर के बीच का एक रिश्ता टूट गया है. प्रेम सागर अपने पीछे मेहनत और कला की विरासत छोड़ गए हैं.