Lucknow: उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। देश में पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग राज्यों में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है और इसके चंगुल में केवल आम लोग ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े रैंक पर रह चुके अधिकारी भी इसके चपेट में हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है, जहां रिटायर्ड आईएएस कृपाशंकर गौतम को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपये लूट लिए गए. आरोपियों ने करीब दो दिन तक कृपाशंकर को डिजिटली बंधक बनाए रखा. ठगों ने कृपाशंकर गौतम को दो दिन डिजिटल अरेस्ट कर 12 लाख रुपए वसूल लिए.
ठगों ने फोन कर कृपाशंकर गौतम को मनी लांड्रिंग के मामले में दोषी बताया और फिर ठगी की वारदात को अंजाम दिया. कृपाशंकर केंद्रीय मंत्रालय से संयुक्त निदेशक के पद से रिटायर हैं. 2 सितंबर को दोपहर में उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई थी. कॉल करने वाली महिला ने खुद को एयरटेल ऑफिस का कर्मचारी बताया था. उसने कहा था कि आपका सिम 2 घंटे में बंद हो जाएगा. कारण पूछने पर उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में होने की बात कही गई. कुछ देर बाद एक वीडियो व्हाट्सएप कॉल पर पुलिस की वर्दी में जालसाज ने कॉल की.
वर्दी वाले जालसाज ने एक एमपी, एक पुलिसकर्मी, बैंक मैनेजर और कृपाशंकर को मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी बताया. घबराए कृपाशंकर को पूछताछ के बहाने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. कृपाशंकर ने किसी को बताया नहीं और नौकरों को छुट्टी भी दे दी. ठगों ने उन्हें इस जाल से निकालने में मदद की बात कही और कॉल काट दी. वीडियो कॉल के जरिए लगातार कृपा शंकर पर नजर बनाए रहे. 3 सितंबर को ठगों ने पांच मामलों में कृपा शंकर को भेजा था गिरफ्तारी वारंट. गिरफ्तारी वारंट का डर दिखाकर कृपाशंकर के पीएनबी और बैंक ऑफ़ बड़ौदा के खातों की जानकारी ली. ठगों के इशारे पर कृपाशंकर बैंक ऑफ बड़ौदा गए अपने खाते से 12 लाख रुपए ठगों के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. एफआईआर दर्ज कर साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.